सनातन- The Continuum
सतत सूर्य सनातन का, न होगा अस्त, विश्वास रख।
सकल निरंतर सत्य है,यह धर्म शाश्वत, विश्वास रख।
शब्दों का भीषण कोलाहल,
कुतर्क का कुटिल न्याय है।
इतिहास का गौरव भी जैसे
विस्मृत सा इक अध्याय है।
राष्ट्र-भाषा, राष्ट्र-भूषा
कारण बने उपहास के।
राम राज्य में राम के
अब भी हैं दिन वनवास के।
वर्ण का और वर्ग का
यह भेद एक षड्यंत्र है।
इक धरोहर, एक राष्ट्र
धर्म का यह मंत्र है।
है निरंतर धर्म यह
आरंभ है ना अन्त है।
सत्य-शोधक धर्म है यह
अनवरत जीवन्त है ।
भोले की मस्ती ओढ़ ले
तेरा गगन, तेरी धरा,
तू सत्य का संवाद है,
संशय ना कर मन में ज़रा।
केशव का गीता-ज्ञान तुम
गाँडीव की टँकार तुम।
तुम मौन हो संकल्प का,
तो युद्ध का हुँकार तुम।
राष्ट्र समझो, धर्म जानो,
मूक लज्जित मत रहो।
हो सनातन, हैं सनातन
मित्र सब मिल कर कहो।
सतत सूर्य सनातन का, न होगा अस्त, विश्वास रख।
सकल निरंतर सत्य है,यह धर्म शाश्वत, विश्वास रख।
- साकेत
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