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Showing posts from March, 2021

पुस्तक समीक्षा: Book Review - Katra Katra Dhup by Akshini

 पुस्तक समीक्षा: क़तरा क़तरा धूप - कविता संग्रह  कवयित्री : अक्षिणी भटनागर  मुझे भय और संकोच होता है जानकारों के लेखन की समीक्षा करते हुए, पुस्तक के प्रति आशंकित होता हूँ, और अपनी साहित्यिक सामर्थ्य को ले कर आतंकित रहता हूँ। अक्षिणी जी से परिचय ट्विटर से है। पुस्तक प्राप्त होने के बाद मैं लम्बे समय, कोई महीना दो महीना, इसे देखता रहा और इससे भयभीत होता रहा। यदि कविता पसंद न आयीं, तो क्या समीक्षा करूँ और यदि पसंद आयी तो क्या मेरी योग्यता होगी एक अकवि होने के नाते उसकी समीक्षा कर पाने की। एक समस्या और रही आधुनिक कवियों के हर दुर्घटनाग्रस्त गद्य को कविता कहने की ज़िद, जिसमे आम तौर पर तमाम प्रचलित भावों को भेलपुरी निर्माता की कुशलता से जोड़ कर, यहाँ वहाँ नारी-मुक्ति, भूख, निर्धनता और कुछ अचंभित कर देने योग्य नग्नता को ठेल कर कवि निर्विकार भाव से कविताओं की रचना करता है।  बहरहाल न पढ़ने के अपराधबोध ने पुस्तक को उठाने का साहस दिया, और जब पुस्तक के पृष्ठ पलटे तो पाया कि सारा भय निरर्थक था। पुस्तक अपठित छोड़ना असंभव हो गया। ऐसे कवि और लेखक कम हैं जो इस कारण से लिखते हैं क्योंकि जब तक ह्रदय के सरोकार